गाइये गणपति जगवंदन यह भगवान गणेश की लोकप्रिय भजन है । इस भजन को आचार्य श्री ने गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित श्री गणेश स्तुति मे भगवान वंदना और उनके गुणों का वर्णन किया गया है । इस भजन मे गणेश जी को गणपति कहा गया है, क्योंकि वे गणों के पति हैं। इस भजन को जगजीत सिंह जी ने अपनी मधुर आवाज से सजाया है ।
गाइये गणपति जगवंदन भजन
भजन : | गाइये गणपति जगवंदन |
लेखक : | तुलसीदास जी |
गायक : | जगजीत सिंह |
भजन: गाइये गणपति जगवंदन
गाइये गणपति जगवंदन |
शंकर सुवन भवानी के नंदन ॥
सिद्धी सदन गजवदन विनायक |
कृपा सिंधु सुंदर सब लायक़ ॥
गाइये गणपति जगवंदन |
शंकर सुवन भवानी के नंदन ॥
मोदक प्रिय मृद मंगल दाता |
विद्या बारिधि बुद्धि विधाता ॥
गाइये गणपति जगवंदन |
शंकर सुवन भवानी के नंदन ॥
मांगत तुलसीदास कर ज़ोरे |
बसहिं रामसिय मानस मोरे ॥
गाइये गणपति जगवंदन |
शंकर सुवन भवानी के नंदन ॥