जय गणेश, जय गणेश देवा यह भगवान गणेश जी की लोकप्रिय आरती है । यह आरती जय गणेश, जय गणेश देवा’ और दूसरी मराठी वंदना ‘सुखकर्ता दुखहर्ता, वार्ता विघनांची’ दोनों की ही रचना छत्रपति शिवाजी महाराज के गुरु समर्थ रामदासजी ने की थी. समर्थ रामदासजी ने दोनों ही भाषा की आरतियां भगवान मयूरेश्वर को देखते हुए ही लिखी थी । यह आरती भक्तों द्वारा भगवान गणेशजी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए गायी जाती है।भगवान गणेश आपकी सभी इच्छाओं को पूरा करते है और दुखों को दूर करते है।
Shree Ganesh Ji ki Aarti Details
Aarti : | Jai ganesh jai ganesh deva |
composer : | samarth ramdas ji |
Lyrics: | Traditional |
आरती: जय गणेश, जय गणेश देवा लीरिक्स
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
एकदन्त दयावन्त,चार भुजाधारी।
माथे पर तिलक सोहे,मूसे की सवारी॥ जय गणेश जय गणेश देवा…..
हार चढ़े, फूल चढ़े,और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे,सन्त करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश देवा…..
पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे,सन्त करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश देवा…..
अंधन को आँख देत,कोढ़िन को काया।
बाँझन को पुत्र देत,निर्धन को माया॥
जय गणेश जय गणेश देवा…..
सूरश्याम शरण आए,सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश देवा…..
दीनन की लाज राखो,शम्भु सुतवारी।
कामना को पूर्ण करो,जग बलिहारी॥
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥