देवा श्री गणेशा लिरिक्स – Deva Shree Ganesha Lyrics In Hindi

देवा श्री गणेशा यह भगवान श्री गणेश जी को समर्पित भक्ति गीत है । इस गीत को अजय गोगावले जी ने अपनी मधुर आवाज से सजाया है। और इस गीत को अमिताभ भट्टाचार्य जी ने लिखा है। यह करण मलहोत्रा जी द्वारा वर्ष 2012 में निर्देशित फिल्म अग्निपथ का एक लोकप्रिय गीत है

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Deva Shree Ganesha Song Details

Song :Deva Shree Ganesha
Lyrics By :Amitabh Bhattacharya
Singer : Ajay Gogavale
Label :Sony Music Entertainment

गीत : देवा श्री गणेशा लिरिक्स

देवा श्री गणेशा, देवा श्री गणेशा
देवा श्री गणेशा, देवा श्री गणेशा
देवा श्री गणेशा, देवा श्री गणेशा
देवा श्री गणेशा, देवा श्री गणेशा
देवा श्री गणेशा, देवा श्री गणेशा

ज्वाला सी जलती है आँखो में
जिसके भी दिल मे तेरा नाम है
परवाह ही क्या उसका आरंभ कैसा है
और कैसा परिणाम है
धरती अंबर सितारे
उसकी नज़रे उतारे
डर भी उससे डरा रे
जिसकी रखवालिया रे
करता साया तेरा हे

देवा श्री गणेशा, देवा श्री गणेशा
देवा श्री गणेशा, देवा श्री गणेशा
देवा श्री गणेशा, देवा श्री गणेशा
देवा श्री गणेशा, देवा श्री गणेशा

हो तेरी भक्ति तो वरदान है
जो कमाए वो धनवान है
बिन किनारे की कश्ती है वो
देवा तुझसे जो अन्जान है
यूँ तो मूषक सवारी तेरी
सब पे है पहेरेदारी तेरी
पाप की आँधिया लाख हो
कभी ज्योती ना हारी तेरी
अपनी तकदीर का वो खुद सिकंदर हुआ रे
भूल के ये जहां रे
जिस किसी ने यहाँ रे साथ पाया तेरा

हे देवा श्री गणेशा, देवा श्री गणेशा
देवा श्री गणेशा, देवा श्री गणेशा
देवा श्री गणेशा, देवा श्री गणेशा
देवा श्री गणेशा, देवा श्री गणेशा

हो तेरी धूलि का टीका किए
देवा जो भक्त तेरा जिए
उसे अमृत का है मोह क्या
हँस के विष का वो प्याला पिए
तेरी महिमा की छाया तले
काल के रथ का पहिया चले
एक चिंगारी प्रतिशोध से
खड़ी रावण की लंका जले
शत्रुओं की कतारें एक अकेले से हारे
कण भी परबत हुआ रे
शोलक बन के जहाँ रे नाम आया तेरा

हे देवा श्री गणेशा, देवा श्री गणेशा
देवा श्री गणेशा, देवा श्री गणेशा
देवा श्री गणेशा, देवा श्री गणेशा

गणपति बप्पा मोरया
घलीन लोटांगण वंदिन चरन
डोळ्यांनी पहिं रुप तुझे
प्रेम आलिंगिन अनंदे पूजीं
भवे ओवलिं म्हानें नामः

त्वमेव माता च पिता त्वमेव, त्वमेव बन्धु सखा त्वमेव।
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव, त्वमेव सर्वं मम देव देवा।।

कायें वाचा मनसेंद्रीयवाह,
बुद्धयात्मनैवा प्रकृते स्वभावत।
करोमि यद् यात सकलं परस्मै,
नारायणा इती समर्पयामि।।

अचुतम केशवं रामा नारायणं,
कृष्णा देमोदरम वाशुदेवं हारीम।
श्रीधरम माधावुम गोपिका वल्लभं,
जानकी नायकम रामचंद्रम भजे।।

हरे राम हरे राम,
राम राम हरे हरे,
हरे कृष्णा हरे कृष्णा,
कृष्णा कृष्णा हरे हरे,

हरे राम हरे राम,
राम राम हरे हरे,
हरे कृष्णा हरे कृष्णा,
कृष्णा कृष्णा हरे हरे,

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