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कैसे भारत के अलग-अलग राज्यों मे मकर संक्रांति मनाई जाती है

कैसे भारत के अलग-अलग राज्यों मे मकर संक्रांति मनाई जाती है

मकर संक्रांति एक प्रमुख हिंदू त्योहार है, जो संभवतः भारत के सभी राज्यों मे एक ही दिन लेकिन अलग-अलग नाम और तरीके से मनाया जाता है। यह पर्व सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के दिन मनाया जाता है, और यह विशेष रूप से फसल के मौसम का स्वागत करता है जो देश में कृषि की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है। यह त्योहार हिंदुस्तान के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है।

आइए जानते हैं कि मकर संक्रांति किस प्रकार से विभिन्न राज्यों में मनाई जाती है:

1. उत्तर प्रदेश (खिचड़ी) :

उत्तर प्रदेश मे यह पर्व खिचड़ी नाम से जाना जाता है, इस पर्व मे लोग पवित्र नदियों मे स्नान करते है, और लोग चावल और दाल जिसे खिचड़ी नाम से जाना जाता है, उसे भगवान सूर्य नारायण को भोग लगाकर प्रसाद रूप मे खाते है।

2. महाराष्ट्र: (तिलगुल) :

महाराष्ट्र में मकर संक्रांति का पर्व तिलगुल के नाम से जाना जाता है। इस दिन लोग तिल और गुड़ के लड्डू खाते हैं और एक-दूसरे को “तिलगुल घ्या आणि गोड़ बोल” (तिलगुल लो और मीठा बोल) कहकर सभी को शुभकामनाएं देते हैं। यह महाराष्ट्र की एक प्रमुख परंपरा है।

3. गुजरात (उत्तरायण) :

यह गुजरात के बड़े त्योहारो मे से एक है जिसे उत्तरायण नाम से जाना जाता है, उत्तरायण का अर्थ है उत्तर की ओर गति। निरियन गणना के अनुसार 15 जनवरी से सूर्य उत्तर की ओर गति करना शुरू कर देता है, इसे उत्तरायण कहा जाता है। इस त्यौहार के दौरान लोग स्थानीय भोजन जैसे उंधियू (रतालू और सेम सहित एक मिश्रित सब्जी) , चिक्की (तिल के बीज से निर्मित) और जलेबी बनाते है ।

गुजरात मे इसे पतंगोत्सव के नाम से भी जाना जाता है , क्योंकि इस दिवस पर राज्य के विभिन्न इलाकों मे पतंगबाजी का आयोजन किया जाता है , जिसमे भाग लेने के लिए देश-विदेश से लोग यहा आते है ।

4. बंगाल (पौष पर्व ) :

पश्चिम बंगाल में इस त्यौहार को पौष पर्व या गंगासागर मेला के नाम से जाना जाता है। कुंभ मेले के बाद गंगासागर मेला मानवता का दूसरा सबसे बड़ा समागम है। इस पर्व पर दुनिया भर के लोग पवित्र डुबकी लगाने के लिए गंगा नदी और बंगाल की खाड़ी के संगम पर इकट्ठा होते हैं, और पवित्र कपिल मुनि आश्रम में सभी “पूजा” करते हैं। 

मकर संक्रांति बंगाली महीने पौष का आखिरी दिन भी है।ताजे कटे हुए धान और खजूर के रस को “खजूर गुड़” और “पाटली” के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, जिसका इस्तेमाल कई तरह की पारंपरिक बंगाली मिठाइयों को बनाने में किया जाता है, जो ताजे कटे हुए चावल, नारियल, दूध और खजूर के गुड़ से बनाई जाती हैंजिसे पुली पिठा कहा जाता है।

5. आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु (पोंगल) :

तमिलनाडु में मकर संक्रांति को “पोंगल” के रूप में मनाया जाता है। यह चार दिनों का पर्व होता है जिसमें

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